गोमुखासन के फायदे
गोमुखासन संस्कृत भाषा के शब्दो से मिल कर बना है गो का अर्थ गाय, मुख का अर्थ चेहरा और आसन का अर्थ योग मुद्रा से है इसे योगासन को करते समय योगी का शरीर एक गाय के चेहरे जैसा दिखता है। इसका उपयोग कभी-कभी ध्यान और प्राणायाम के लिए किया जाता है।
गोमुखासन के लाभ
- यह घुटनों को शक्तिशाली, गोमुखासन पैरों की नाड़ियों को स्वस्थ करता है तथा अंडकोषों की वृद्धि को रोकता है। वीर्य संबंधी विकारों को दूर करता है।
- स्नायुमंडल को शक्ति प्रदान करता है और मन को नियंत्रित करने में सहायक है।
- उच्च रक्तचाप में मदद करता है।
- इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है।
- टखनों, कूल्हों, जांघों, कंधों, पीठ और छाती की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
गोमुखासन कैसे करें
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- बायीं टांग को मोड़ते हुए एड़ी को नितंब के नीचे ले जाकर दायें नितंब को एड़ी पर टिकाकर बैठ जाएं।
- अब दायीं टांग को मोड़कर एड़ी को बायें नितंब के पास लाएं। प्रयास करें, आपकी एडी बायें नितंब के नीचे चली जाए। अब बायें हाथ को पीछे से मोड़कर हथेली को बाहर की ओर रखते हुए ऊपर की ओर लाएं।
- दाहिने हाथ को ऊपर से मोड़ें और कोहनी सीधी करते हुए, दोनों हाथों की अंगुलियों को एक दूसरे से पकड़ लें।
- थोड़ी देर इस स्थिति में रहें। अब इसे दूसरी ओर से दायीं टांग को मोड़कर और दायें हाथ को नीचे और बायें हाथ को ऊपर से लेकर करें। ध्यान रहे, गर्दन सीधी रहे और ध्यान अनाहत-चक्र पर।
सभी योगासन की तरह गोमुखासन को सुबह के समय किया जाना चाहिए ।
सावधानी
- कंधे,पीठ में दर्द या चोट होने पर इसे करने से बचें।
- अगर आप खूनी बवासीर से पीड़त है तो इसका अभ्यास न करे ।