उत्कटासन
रोजाना आप कुर्सी पर बैठते हैं, लकिन एक काल्पनिक कुर्सी पर ? यह सुने में बहुत अजीब लगेगा पर उत्कटासन में हम काल्पनिक कुर्सी पर बैठने की नकल करने की कोशिश करते है। इसे अंग्रेजी भाषा में चेयर पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। उत्कटासन शब्द की उत्पति संस्कृत भाषा से हुई है "उत्कट" का अर्थ है शक्तिशाली और आसन का अर्थ है योग की मुद्रा।
उत्कटासन के फायदे
- यह एक साधारण पर्याप्त मुद्रा की तरह लग सकता है, लेकिन अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो पूरे शरीर में ताकत को विकसित करता है।
- पैरों को मजबूत करने के लिए यह एक उत्कृष्ट योग आसन है।
- यह पीठ की मांसपेशियों को भी मजबूत और कंधों में अकड़न को दूर करता है।
- पीठ के निचले हिस्से और धड़ को मजबूत करने में मदद करता है।
- जांघ, टखने, पैर और घुटने की मांसपेशियों को टोन करता है।
उत्कटासन की विधि
![]() |
credit : https://www.freepik.com/free-photo/young-attractive-woman-standing-utkatasana-pose-grey-studio_1281967.htm |
- ताड़ासन से शुरवात करे। पैरो को सीधा रखे और कंधो को समान्तर रखे।
- साँस छोड़ते हुए अपने घुटनों को मोड़ते हुए अपने कूल्हों को पीछे ले जाये ।
- कुर्सी पर बैठने के समान अपनी शरीर की मुद्रा को बनिए ।
- अपनी पीठ के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए अपने पेट के निचले हिस्से को अंदर और ऊपर खींचें।
- साँस लेते हुए अपने हाथों को अपने कानों के चारों ओर उठाएं और ऊपर की ओर देखे।
- 3-4 बार साँस ले, छोड़े और फिर ताड़ासन की मुद्रा में वापिस आये।
एहतियात
- घुटने में दर्द, गठिया, टखने में मोच होने पर इसका अभ्यास न करे ।
- सिरदर्द, रक्तचाप या अनिद्रा होने पर इसे करने से बचे।
- मासिक धर्म के दौरान या अगर आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर इसे न करे।