नटराजासन योग के फायदे
नटराजासन (नटराज योगासन) एक उन्नत स्तर का संतुलन आसन है जो शिव के तांडव नृत्य को प्रतीक करता है। यह आसन न केवल शारीरिक लचीलापन और मजबूती देता है, बल्कि मानसिक केंद्रण और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। इसे "नृत्येश्वर की मुद्रा" भी कहा जाता है। आइए इस आसन के विधि, लाभ और सावधानियों के बारे में विस्तार से जानें।
योग में कई पीठ झुकने वाले आसान हैं जिनका अभ्यास सदियों से शरीर के ललाट भाग को खोलने, रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को सुधारने और पेट की मांसपेशियों को फैलाने के लिए किया जाता है। यह सबसे शक्तिशाली, सुंदर योगासनों में से एक है जिसमें एक ही समय में खड़े होना, खींचना, संतुलन बनाना और पीछे की ओर झुकना शामिल है।
नटराजासन क्या है ?
नटराजासन जिसे अंग्रेजी भाषा में डांसर योगा पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। यह संस्कृत के दो शब्दों से मिल कर बना है नट का अर्थ नर्तक और राज का अर्थ राजा से होता है।
भारत में ऐसा कोई नर्तक नहीं होगा जिसे नटराज का महत्व पता होगा। यह भगवान शिव के लोकप्रिय अवतारों में से एक है। इस आसन का नाम भगवान शिव को संदर्भित करता है जिन्हें ब्रह्मांडीय नर्तक के रूप में नामित किया गया है । हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव अपने नृत्य के माध्यम से संगीत और कला के प्रति अपने जुनून को व्यक्त करते हैं। आप तमिलनाडु में चिदंबरम के प्राचीन मंदिरों जो की 13 वीं शताब्दी बने थे उनकी मूर्तियों में भी नटराज मुद्रा देख सकते है।
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credit : pixahive.com/photo/natarajasana-the-king-of-the-dance-yoga-pose-close-up/ |
नटराजासन कैसे करें?
चरण-दर-चरण विधि:
आरंभिक स्थिति:
- सीधे खड़े होकर पैर साथ में रखें।
- हाथ शरीर के साथ ढीले हों।
पैर उठाना:
- धीरे से दाएं पैर को पीछे की ओर उठाएं (जांघ के समानांतर)।
- दाएं हाथ से पैर के पंजे को पकड़ें।
संतुलन बनाना:
- बाएं हाथ को आगे की ओर सीधा उठाएं (कंधे की ऊंचाई पर)।
- पीठ सीधी रखें और दृष्टि आगे की ओर निश्चित रखें।
अंतिम स्थिति:
- पैर को पीछे खींचकर जांघ से जुड़ने दें।
- 30 सेकंड से 1 मिनट तक सांस लेते रहें और धीरे-धीरे वापस आएं।
सुझाव:
- शुरुआत में दीवार का सहारा लें अगर संतुलन बनाने में परेशानी हो।
- ध्यान रहे कि घुटने न मोड़ें।
नटराजासन योग के लाभ
ये हैं नटराजासन मुद्रा के कुछ आश्चर्यजनक लाभ।- इसके अभ्यास से आपकी छाती, टखनों, कूल्हों और पैरों को ताकत मिलती है।
- मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है।
- कमर, पेट के अंगों और जांघों को एक अच्छा खिंचाव देता है।
- आपकी मुद्रा में सुधार होता है, और संतुलन बढ़ता है।
- आपके पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- इस में अधिक ध्यान केंद्रित करने की जर्रूरत होती है जिसे तनाव से मुक्ती मिलती हैं।
- शरीर लचीला बनता है।
सावधानियां
- लो ब्लड प्रेशर है तो इस आसन को करने से बचें।
- अगर आपको टखने या पीठ में चोट है या आपको चक्कर या संतुलन की समस्या है तो इस मुद्रा से बचें।
- जिन लोगों को हृदय रोग उन्हें यह व्यायाम नहीं करना चाहिए।
- पीठ दर्द या रीढ़ की समस्या है, तो नटराजासन न करें। इससे समस्या और बढ़ सकती है।