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आधुनिक जीवनशैली में फास्ट फूड, अनियमित खान-पान, तनाव, और सुस्ती के कारण पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। गैस, एसिडिटी, कब्ज, और ब्लूटिंग जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए दवाओं पर निर्भर रहने से बेहतर है कि आप प्राकृतिक उपायों को अपनाएं। योग और प्राणायाम के माध्यम से न केवल पाचन शक्ति मजबूत होती है, बल्कि शरीर का डिटॉक्सीकरण भी होता है। इस लेख में हम पेट साफ करने वाले योगासनों और प्राणायाम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

पेट साफ करने के योग


पेट साफ करने वाले योगासन

1. पवनमुक्तासन (वायु निष्कासन मुद्रा)

कैसे करें :

जमीन पर लेटकर घुटने घुटनों को सीने से लगाएं और हाथों से पकड़ लें। सांस भरते हुए सिर और कंधे को थोड़ा ऊपर उठाएं। 10-15 सेकंड रुकें और सांस छोड़कर वापस लेट जाएं।

लाभ : यह आसन पेट की गैस को बाहर निकालने में मदद करता है और पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।

2. भुजंगासन (सर्पासन)

कैसे करें : पेट के बल लेटें, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें। सांस भरते हुए सिर और छाती को ऊपर उठाएं, जैसे साँप ऊपर को उठे। 20-30 सेकंड रुकें।

लाभ : यह आसन पेट के अंगों को मसाज करता है और यकृत, पित्ताशय की स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

3. पश्चिमोत्तानासन (पश्चिमोत्तान पोज)

कैसे करें : बैठकर पैर सीधे आगे कर लें। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और पैरों की उंगलियों को पकड़ने की कोशिश करें। 30 सेकंड तक रहें।

लाभ : यह आंतों को साफ करता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है।

4. अर्ध मत्स्येंद्रासन (अर्ध मछली मुद्रा)

कैसे करें : घुटनों को मोड़कर बाएं पैर को दाएं घुटने के बाहर रखें। दाहिना हाथ कंधे के ऊपर से ले जाकर पीठ को स्पर्श करें। सांस भरकर 10-15 सेकंड रुकें। दिशा बदलकर दोहराएं।

लाभ : यह आसन पेट के अंगों को स्ट्रेच करता है और डिटॉक्सीकरण में मदद करता है।

5. बालासन (शिशु मुद्रा)

कैसे करें : घुटनों के बल बैठें, फिर आगे की ओर झुककर माथा जमीन पर रखें और हाथों को सीधा पीछे की ओर फैलाएं। 1-2 मिनट तक रहें।

लाभ : यह तनाव को कम करता है और पाचन क्रिया को संतुलित करता है।

प्राणायाम: पेट साफ करने की सांसें

1. कपालभाति

कैसे करें : नाक से तेजी से सांस छोड़ें (जैसे नाक से फूंक मारें) और स्वचालित रूप से सांस भरें। 5 मिनट तक करें।

लाभ : यह प्राणायाम पेट की अशुद्धियों को बाहर निकालता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।

2. अनुलोम-विलोम

कैसे करें : एक नथुने से सांस भरें और दूसरे से छोड़ें। 10-15 मिनट तक धीरे-धीरे करें।

लाभ : यह पाचन अग्नि को सक्रिय करता है और शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करता है।

आहार की भूमिका: योग के साथ संयोजन

योग के साथ सही आहार अपनाना भी जरूरी है:

  1. फाइबर युक्त खाद्य : सब्जियां, फल, और साबुत अनाज पाचन को स्वस्थ रखते हैं।
  2. पानी पिएं : रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं और खाली पेट नींबू पानी पीने से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं।
  3. तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड से बचें : इनसे पेट में भारीपन और गैस बनती है।
पेट साफ करने के लिए योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। नियमित अभ्यास, संतुलित आहार, और सकारात्मक सोच से न केवल पाचन तंत्र बल्कि पूरे शरीर का स्वास्थ्य सुधरता है। धैर्य रखें और इस प्रक्रिया को आनंददायक बनाएं।

अंतिम शब्द : पेट स्वस्थ हो तो जीवन स्वस्थ होता है। योग से शुरुआत करें और अपने शरीर को एक नया जीवन दें!